Raipur। राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर सख़्ती शुरु कर दी है। राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि, जो कर्मचारी 22 अगस्त से लगातार हड़ताल पर हैं, उनके हड़ताल अवधि को अवकाश नहीं मानते हुए कोई वेतन स्वीकृत नहीं होगा, साथ ही यह अवधि ब्रेक इन सर्विस मानी जाएगी।राज्य सरकार ने इस कार्यवाही के लिए वर्ष 2006 में राज्य सरकार के द्वारा आदेश को आधार बनाया है।
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क्या है मसला
कर्मचारी अधिकारी फ़ेडरेशन की अगुवाई में राज्य भर के शासकीय कर्मचारी हड़ताल पर हैं।फेडरेशन दो सूत्रीय माँग को लेकर हड़ताल पर है।इनमें पहला 34 फ़ीसदी महंगाई भत्ता (केंद्र के समान देय तिथि से) और दूसरा सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने की माँग शामिल है। यह राज्य में पहला मौक़ा होगा जबकि कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ते को लेकर कामबंद कर सड़कों पर उतरे हुए हैं।कर्मचारियों का दावा है कि,मई के पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच महंगाई भत्ते में 17 फ़ीसदी का अंतर था। केंद्र सरकार 34 फ़ीसदी दे रही थी जबकि राज्य की भूपेश सरकार 17 फ़ीसदी डीए दे रही थी। 1 मई को राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 5 फ़ीसदी बढा दिया, इसी महीने राज्य सरकार ने 6 फ़ीसदी और बढ़ा दिया, अब केंद्र और राज्य सरकार के बीच अंतर 6 फ़ीसदी रह गया है।कर्मचारी इसी शेष 6 फ़ीसदी को देने की माँग कर रहे हैं। कर्मचारियों का दूसरा विषय HRA का है, आंदोलनकारी कहते हैं कि,गृहभाड़ा भत्ता को राज्य सरकार ने अब भी बदला नहीं हैं, यह गृहभाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान के आधार पर मिलना चाहिए लेकिन राज्य सरकार छठवें वेतनमान के आधार पर दे रही है।
हड़ताल का क्या है असर
आंदोलन की अगुवाई कर रहे फ़ेडरेशन का दावा है कि,इस हड़ताल को सौ से ज़्यादा अलग अलग संगठनों का समर्थन हासिल है।यह पहला ऐसा मौक़ा है जबकि किसी हड़ताल में न्यायिक कर्मचारी संगठन भी शामिल है।लिहाज़ा प्रदेश के न्यायालयों में काम पूरी तरह ठप्प है।
तहसीलदार, नायब तहसीलदार फेडरेशन के साथ मांगो को लेकर हड़ताल पर है, जाहिर है काफी काम प्रभावित उससे भी हो रहा है। राज्य के कलेक्टर कार्यालय, पीडब्लूडी, खनिज, पीएचई, स्कूल शिक्षा, कोषालय, स्वास्थ्य, सिंचाई, नवा रायपुर अंतर्गत संचालनालय एवं इंद्रावती भवन, लोक सेवा आयोग, आरटीओ, जनपद, कृषि, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर होने का दावा फेडरेशन की तरफ से किया जा रहा है। वहीं विभाग, आयोग एवं निगम मंडलो के काम-काज ठप हो रहे हैं।
सरकार की सख़्ती और बढ़ेगी ?
राज्य सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों से मिले संकेतों के अनुसार,यदि अब भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे तो राज्य सरकार सख़्ती को और कस सकती है।